Doctor kaise bane in Hindi : दोस्तों अगर आप डॉक्टर बनना चाहते है और आपको समझ में नहीं आ रहा है की डॉक्टर कैसे बने, डॉक्टर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करें, डॉक्टर बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए और डॉक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करें तो इसे पूरा पढ़े
डॉक्टर्स हमारे समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हम अपने शरीर की छोटी से छोटी परेशानियों को डॉक्टर्स से बता कर उनका निदान करते हैं। डॉक्टर्स को इंसान भगवान् की तरह मानते हैं। डॉक्टर्स को हमारे समाज में एक सम्मानित प्रोफेशन की नजर से देखा जाता है। ऐसे में छात्र इस सम्मान को पाने के लिए दिन कड़ी मेहनत करते हैं।
जब भी कोई छात्र डॉक्टर बनने की सोचता है तो उसके मन में एक ही प्रश्न उठता है की आखिर डॉक्टर कैसे बनें?, डॉक्टर बनने के लिए क्या पढाई करें? जब भी छात्रों को उनके प्रश्न का सही जवाब नहीं मिल पता है तो वो थक हार कर अपने इस सपने को बीच में ही छोड़ देते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में डॉक्टर बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए और डॉक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करें सब कुछ विस्तार से बताएँगे।
Doctor kaise bane in Hindi
11वीं कक्षा में सही विषय का चुनाव करें
जो भी छात्र डॉक्टर बनना चाहते हैं उन्हें 11वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ना जरुरी होता है। डॉक्टर बनने के लिए अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। अतः छात्रों को 11वीं से ही इन चार विषयों में कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।
नीट की परीक्षा में पास हों
डॉक्टर बनने के लिए सरकार हर साल राष्ट्रीय लेवल की परीक्षा आयोजित कराती है जिसमें उत्तीर्ण होना आवश्यक है। नीट परीक्षा ऑफ़ लाइन होती है और इसमें फिजिक्स के 45 प्रश्न ,केमेस्ट्री के 45 प्रश्न और जीव विज्ञानं के 90 प्रश्न होते हैं। जीव विज्ञानं में 2 विषय (बॉटनी 45 प्रश्न + जूलॉजी 45 प्रश्न) होते हैं। प्रत्येक सवाल में 4 अंक निर्धारित होते हैं और गलत जवाब देने पर 1 अंक कम कर दिया जाता है।
कुछ साल पहले तक राज्य सरकार अपने राज्य के लिए परीक्षाएं आयोजित करवाती थी लेकिन 2020 से राष्ट्रीय स्तर का सिर्फ एक एग्जाम होता है जिसे नीट कहते हैं। नीट मतलब National Eligibility cum Entrance Test होता है। अब देश के सभी कॉलेजों और राज्यों में सिर्फ नीट का एग्जाम पास करके छात्र मेडिकल की पढाई कर सकते हैं।
एग्जाम पास कर के कॉउन्सिलिंग करवाना :-
नीट की परीक्षा पास करके छात्रों को ऑनलाइन कॉउन्सिलिंग में भाग लेना पड़ता है। नीट की कॉउन्सिलिंग 2 भागों में होती है। पहले भाग में राष्ट्रीय लेवल की कॉउंसलिंग होगी इसमें सभी सीटों का 15% और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के निर्धारित कोटे का 100% सीटों के लिए आवेदन होगा।
दूसरे भाग में राज्य लेवल की बची हुई 85% सीटों और कॉलेजों की 100 सीटों के लिए आवेदन होगा। कॉउन्सिलिंग के लिए छात्रों को आवश्यक पर्सेंटाइल को प्राप्त करना आवश्यक रहेगा अन्यथा वो कॉउन्सिल के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। कॉउन्सिल के बाद कॉलेजों के द्वारा छात्रों को सीट अलॉट की जाएगी और छात्रों को निर्धारित समय के अंदर कॉलेज पहुँच कर रिपोर्ट करना आवशयक रहता है।
योग्यता के अनुसार छात्रों को ये कोर्स अलॉट किये जाते हैं :-
- एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी)
- बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
- बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
- बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
- बीयूएमएस (बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी)
- बीएसएमएस (बैचलर ऑफ सिद्धा मेडिसिन एंड सर्जरी)
- बीवीएससी एंड एएच (बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंसेज एंड एनिमल हस्बैंड्री)
1. एम.बी.बी.एस (Medicine and Bachelor of Surgery)
एम.बी.बी.एस की पढ़ाई छत्रों को बहुत म्हणत करने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस कोर्स के लिए कम्पटीशन बहुत ज्यादा है। एम.बी.बी.एस कोर्स का कट ऑफ भी अन्य कोर्स की तुलना में ज्यादा रहता है। अगर छात्र नीट की परीक्षा में अधिक मेहनत कर अच्छे अंक प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें M.B.B.S कोर्स करने में आसानी हो जाती है और उन्हें उनका मन पसंद कॉलेज भी अलॉट हो जाता है। M.B.B.S कोर्स अवधि साढ़े 5 साल की होती है और कोर्स के बाद छात्रों को एक साल इंटर्नशिप भी करना होता है। इंटर्नशिप में छात्रों को कई सारी चिकित्स्कीय गतिविधियों में शामिल किया जाता है। इसमें छात्रों को मेडिकल की पढाई के साथ स्टाफ मैनेजमेंट ,वर्क मैनेजमेंट और वार्ड मैनेजमेंट के बारे में डीपली समझाया जाता है।
2. बीडीएस (Bachelor of Dental Surgery)
दाँतों का डॉक्टर बनने के लिए बीडीएस करना होता है। बीडीएस कोर्स चार साल का होता है और एक साल अलग से इंटर्नशिप करना होता है। बीडीएस में छात्रों को सर्जिकल ट्रीटमेंट, पेड़ोडोक्टिस , ओरल मेडिसिन के बारे में बताया जाता है।
3. बीएएमएस (Bachelor of Ayurveda, Medicine, and Surgery)
बीएएमएस का कोर्स आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए किया जाता है। यह कोर्स इंटर्नशिप सहित साढ़े पांच का साल का होता है। इस कोर्स में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ साथ छात्रों को “आष्टांग आयुर्वेद” के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है। लोगों का आयुर्वेद के प्रति झुकाव के चलते इस कोर्स की माँग ज्यादा हो गयी है। बीएएमएस की डिग्री मिलने के उपरांत छात्रों को “आयुर्वेदाचार्य” की उपाधि मिलती है।
4. बीएचएमएस (Bachelor of Ayurveda, Medicine, and Surgery)
बीएचएमएस हमारे देश में होम्योपैथिक की पढाई करने वालों छात्रों को दी जाने वाली डिग्री है। बीएचएमएस की पढाई पूरी होने में इंटर्नशिप सहित साढ़े पांच साल का समय लगता है। इस कोर्स में छात्र होम्योपैथिक और सर्जरी की पढाई करता है।
5. बीयूएमएस (Bachelor of Eastern Medicine and Surgery)
बीयूएमएस सर्जरी और यूनानी चिकित्सा पद्धति के स्नातक के छात्रों को प्रदान की जाने वाली मेडिकल डिग्री है। इस कोर्स की समयावधि साढ़े चार साल की है और कोर्स के बाद एक साल का इंटर्नशिप करना जरुरी होता है। इस कोर्स के माध्यम छात्र , पैथोलॉजी ,फिजियोलॉजी, एनोटॉमी और योग की पढाई।
6. बीवीएएससी एंड एएच कोर्स (Bachelor of Veterinary Science & Animal Husbandry)
बीवीएएससी एंड एएच कोर्स छात्रों को पशुओं सम्बंधित रोगों और उनके उपचारों के बारे में बताया जाता है। इस कोर्स को करने लिए 6 महीने की इंटर्नशिप सहित पांच साल का समय लगता है। डिग्री पूरी होने के बाद छात्रों को पशु चिकित्सक की उपाधि मिल जाती है। डिग्री के बाद छात्र खुद का क्लिनिक या फिर किसी रिसर्च सेंटर में पशुओं के रोगों के बारे में खोज कर सकते हैं।
7. बीएसएमएस (Bachelor of Siddha Medicine and Surgery)
यह डिग्री उन छत्रों के लिए वरदान है जो कम नंबर आने की वजह से M.B.B.S और बी.डी.एस की पढाई नहीं कर पाते हैं। बीएसएमएस की पढ़ाई में छत्रों को माइक्रोबायोलॉजी , बायो केमेस्ट्री , एनॉटमी , सिद्ध पैथोलॉजी आदि विषयों का ज्ञान हो जाता है। बीएसएमएस की पढाई के बाद छात्र अपने नाम के आगे “डॉक्टर” की उपाधि सम्मान से लगा सकते हैं।
आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बताइये और इस लेख को हर उस छात्र तक पहुंचाइये जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहा है। हम इसी प्रकार से हर एक जानकारी आपसे साझा करते रहेंगे। धन्यवाद