ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? – जानिए इसके क्या फायदे हैं | Blockchain technique kya hai

Blockchain technique kya hai : दोस्तों क्या ब्लॉकचेन टेक्निक के बारे में जानना चाहते हैं और आप गूगल पर सर्च कर रहे हैं ब्लॉकचेन टेक्निक क्या है? (Blockchain technique kya hai), ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी के क्या फायदे हैं?, ब्लॉकचेन का भविष्य क्या है?, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का मालिक कौन है?, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है और यह कैसे काम करती है?, तो इसके बारे में आपको पूरी जानकारी इस आर्टिकल में मिलेगी

गूगल पर इन दिनों एक सवाल काफी पूछा जा रहा है कि Blockchain technique kya hai? इसलिए आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर लेकर आए हैं, क्योंकि आज इंटरनेट पर हर व्यक्ति ब्लॉकचेन से संबंधित सभी जानकारियां हासिल करना चाहता है।

अगर आप भी उन्हीं में से हैं जो ब्लॉकचेन टेक्निक के बारे में जानना चाहते है तो आज आप हमारे इस लेख को पढ़कर इस बारे में जान जाएंगे, साथ ही आप यह भी जानेंगे कि ब्लॉकचेन टेक्निक का इस्तेमाल कैसे होता है, और इसके क्या क्या फायदे हैं आदि। तो चलिए इस संबंध में बिना देरी किए जाना शुरू करते हैं।

ब्लॉकचेन टेक्निक क्या है? (What is Blockchain technique)

Blockchain technique kya hai : ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें किसी भी प्रकार की करेंसी और डिजिटल चीजों का रिकॉर्ड रखा जा सकता है। ब्लॉकचेन एक ऐसा डिजिटल लेजर है, जब भी कोई Digital Transaction होती है तो उसकी पूरी जानकारी के रिकॉर्ड को इसके द्वारा सुरक्षित रखा जाता है।

ब्लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर जो भी लेन-देन होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है, इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई लेन-देन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाता है।

Blockchain technique का अविष्कार

ब्लॉकचेन टेक्निक का अविष्कार 2008 में सातोशी नाकामोटो ने किया था। सातोशी नाकामोटो वही व्यक्ति थे जिन्होंने बिटकॉइन का भी अविष्कार किया था। सातोशी ने बिटकॉइन की लेन-देन का रिकॉर्ड रखने के लिए ब्लॉकचेन तकनीकी का निर्माण किया।

Blockchain technique कैसे काम करता है | How does work blockchain technology

जब ब्लॉकचेन टेक्निक की मदद से एक कंप्यूटर के द्वारा कॉइन ट्रान्सफर किया जाता है तो इसकी जानकारी नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटर तक पहुँच जाती है, और Transaction को Verify किया जाता है।

इसके बाद लेन-देन के डेटा को क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी के द्वारा ब्लॉक में Encode करके सुरक्षित कर लिया जाता है, इसी प्रकार से अनेक प्रकार के ब्लॉक मिलकर Public Ledger का निर्माण करते हैं जिसे कि ब्लॉकचेन कहा जाता है।

Blockchain के प्रकार | Types of Blockchain

मुख्य रूप से ब्लॉकचेन टेक्निक चार प्रकार के होती हैं।

  • Private Blockchain
  • Public Blockchain
  • Hybrid Blockchain
  • Consortium Blockchain

Private Blockchain- Private Blockchain में कोई भी व्यक्ति बिना Network Administrators के उपयोग नहीं कर सकता है।

जब तक ब्लॉकचेन Network Administrators किसी को इसमें Invite नहीं करते है, तब तक कोई भी व्यक्ति प्राइवेट ब्लॉकचेन में शामिल नहीं हो सकता है। इस नेटवर्क में Participant और Validator की पहुंच पर प्रतिबन्ध होता है।

खुले ब्लॉकचेन और अन्य पीयर-टू-पीयर Decentralized Database Applications के बिच अंतर करने के लिए इसमें कंप्यूटर क्लस्टर नहीं होते है। आमतौर पर प्राइवेट ब्लॉकचेन के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर (DLT) शब्द का उपयोग किया जाता है।

Public Blockchain- पब्लिक ब्लॉकचेन नेटवर्क में किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं होते हैं, पब्लिक ब्लॉकचेन की सहायता से कोई भी व्यक्ति लेनदेन कर सकता है।

आमतौर पर इस तरह के नेटवर्क लोगो को सुरक्षा के प्रति आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करते है। लोग किसी भी प्रकार के Proof of Stake या Proof of Work Algorithm का उपयोग कर सकते है। इस तरह के कुछ सबसे पॉपुलर पब्लिक ब्लॉकचेन नेटवर्क बिटकॉइन ब्लॉकचेन और एथेरियम ब्लॉकचैन हैं।

Hybrid Blockchain- हाइब्रिड ब्लॉकचेन में Centralized and Decentralized का कॉम्बिनेशन होता है। हालाकिं Centralized and Decentralized के किस हिस्से का उपयोग किया जाता है। इसके आधार पर ब्लॉकचेन की सटीक कार्यप्रणाली अलग हो सकती है।

Consortium Blockchain- Consortium Blockchain लेज़र के लिए एक Designation है, जो की Primary Blockchain के समांतार चलता है। Primary Blockchain से एंट्रीज को Consortium Blockchain से जोड़ा जा सकता है।

Blockchain कितना सुरक्षित है | How Secure is Blockchain

ब्लाकचैन तकनीकी सुरक्षित की बात की जाए तो आपको बता दे कि यदि कोई व्यक्ति ब्लॉकचैन में कोई भी लेन-देन करना चाहता हैं, तो सबसे पहले तो उन्हें पूरे नेटवर्क के सारे नोड्स को Agree होना होता है, इसलिए क्योंकि जब तक आप इन सभी नोड्स को Agree नहीं करेंगे तब तक आपकी ट्रांजैक्शन मान्य नहीं मानी जाएगी।

इसे हैक करने के लिए आपको बैंक के जैसे केवल एक सिस्टम को हैक करने से नहीं होगा बल्कि पुरे नेटवर्क में स्तिथ सभी सिस्टम को हैक करना होगा।

सरल शब्दों में समझें तो ब्लॉकचेन की हैकिंग नामुमकिन है, और इसे बदलना, हटाना या नष्ट करना भी नामुमकिन है। वहीं, इसे बिटकॉइन के प्‍लेटफॉर्म से भी ज्‍यादा भरोसेमंद टेक्नोलॉजी को बताया जा रहा है।

यही वजह रही है कि भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 के Meanwhile डिजिटल करेंसी का ऐलान किया, इंडियन डिजिटल करेंसी Rupee को आरबीआई जारी करेगी, जो ब्लॉकचेन टैगिंग पर आधारित होगी।

Blockchain technique के फायदे | Advantages of Blockchain technology

  • ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से आप किसी Third Party की अनुमति के बिना ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
  • अगर इसमें एक बार डेटा सेव हो गया तो उसके बाद डेटा में हेर – फेर नही किया जा सकता है।
  • अन्य टेक्नोलॉजी के मुकाबले ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सुरक्षित माना जा सकता है, क्योंकि इसे हैक करना इतना भी आसान काम नहीं है।

Blockchain technique का रियल लाइफ में इस्तेमाल

आप इस आर्टिकल में ऊपर पढ़कर ब्लॉकचेन की सुरक्षा और इसके फायदे के बारे में तो जान ही गए होंगे तो चलिए अब हम आपको इसका रियल लाइफ में इस्तेमाल कहां होता है इस बारे में बताते हैं।

Follow My Vote– ये किसी भी व्यक्ति के वोट करने के तरीकों को बदलने करने का कार्य करता है और यह दुनिया में सबसे पहला Open-Source Online Voting Solution बनना चाहता है।

ShoCard– ये आपके identity को स्टोर करता है। Bitcoin’s blockchain में ताकि आपकी आसानी से वेरिफिकेशन हो सके।

Arcade City– Arcade City की बात करें तो यह एक Decentralized Ridesharing सेवा होती है, जिसे ज्यादातर लोग Uber Killer के नाम से जानते हैं।

ChainLink– ये ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तमाल कर वेरिफाई और Validate करता है Authenticity और real-world items के title को।

Symbiont– Symbiont के बारे में बात की जाए तो यह ब्लॉकचेन में अच्छी स्मार्ट सिक्योरिटी देता है।

Blockchain कहां-कहां का उपयोग होता है

  • व्यापार में लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन उपयोग किया जा रहा है क्योंकि इसमें वित्त लेन-देन में ब्लाकचेन द्वारा लिया जाने वाला चार्ज बैंक की तुलना में बहुत कम है।
  • साइबर सुरक्षा में इसका उपयोग हर जगह हो रहा है, इसके जरिये बहुत से देशो ने अपने बैंकों की सुरक्षा व्यव्यस्था चोकस की है। अब बैंक भी अपनी सुरक्षा बढ़नी के लिए ब्लॉकचेन का भरपूर उपयोग कर रहे है और आने वाले समय में साइबर अपराधो को बहुत आसानी से रोका जा सकता है।
  • पुराने सरकारी दस्तावेज़ जो बेहद ही महत्वपूर्ण है, इन्हें ब्लाकचेन की मदद से सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • ट्रांजैक्शन या रियल एस्टेट में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग बहुत ही तेज़ी से किया जा रहा है। भारत के बहुत से राज्य इस टेक्नोलॉजी पर निर्भर है, व आईटी क्षेत्र के साथ मिलकर लैंड डील के लिए ब्लॉकचेन की मदद से समाधान तैयार किया जा रहा है।

अंतिम शब्द

Blockchain technique kya hai : हमने आपको किस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी दे दिए हैं कि ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी क्या है? और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्या फायदे हैं? और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के भविष्य में क्या है? अगर आपको (Blockchain technique kya hai) यह आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कमेंट में अपना फीडबैक जरूर दें

Blockchain technique kya hai FAQ

Q1. ब्लॉकचेन तकनीक क्या है?

Ans. ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से डिजिटल लेन-देन को ब्लॉक के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है।

Q2. Blockchain technique का आविष्कार कब और किसने किया?

Ans. ब्लॉकचेन टेक्निक का आविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के अविष्कारक सातोशी नाकामोटो ने किया था।

Q3. बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?

Ans. बिटकॉइन फिलहाल के समय में अल-सल्वाडोर देश की करेंसी है। ये वो पहला देश है जिसने की इस करेंसी को लीगल का दर्जा दे दिया है, साथ ही ये बिटकॉइन को अपने देश की करेन्सी के रूप में अपनाने वाले पहला देश भी है।

Q4. ब्लॉकचेन में ब्लॉक का क्या मतलब है?

Ans. ब्लॉक का मतलब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से है, मतलब इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है। अलग-अलग बॉक्स में डाटा होता है, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं. डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है।

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