Software Kya hai? | सॉफ्टवेयर के उदाहरण (What is Software in Hindi)

Software Kya hai? : दोस्तों अगर आप सॉफ्टवेयर के बारे में जानना चाहते हैं कि सॉफ्टवेयर क्या है?, सॉफ्टवेयर की परिभाषा क्या है? और सॉफ्टवेयर की परिभाषा क्या है? तो इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी मिलेगी सॉफ्टवेयर के बारे में कि सॉफ्टवेयर क्या है?, सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं कितने प्रकार का होता है?

Softwere Kya hai (सॉफ़्टवेयर क्या है?)

सॉफ्टवेयर क्या है इन हिंदी : Computer द्वारा कुछ करने को Computer की ही भाषा में लिखे जाने वाले निर्देशों का प्रोग्राम ही Software कहलाता है। जो दिये गये डाटा या आंकड़ों को संसाधित अर्थात् प्रोसेस करके उनमें से काम की अभीष्ट जानकारी निकालकर उपलब्ध कराता है। यह Computer Hardware से एकदम अलग है जिसके अंतर्गत Computer की सारी भौतिक मशीनरी आ जाती है।

जैसे कि आपका ये Web Browser जिस पर इस समय आप यह लेख पढ़ रहे हैं। यह एक Software है, जिसे आपके रूचि से संगत जानकारियां सामने लाने के लिये डिजाइन किया गया है। सरल शब्दों में कहा जाय तो Software Computer की आत्मा है। यानी वह प्रोग्राम जो आपके Computer में सेट है। और जिसके द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आप अपने Computer से कोई काम ले सकते हैं।

Software को प्रोग्रामिंग की विभिन्न भाषाओं में लिखा जाता है। इसे कोडिंग कहते हैं। पर Computer मशीनी भाषा को ही समझता है, इसलिये इंटरप्रिटर या कंपाइलर का इस्तेमाल करते हुये प्रोग्रामिंग की भाषा को मशीन की भाषा में बदल दिया जाता है। यानी Software का निर्माण कोडिंग के जरिये की जाती है।

यानी कह सकते हैं कि– Software सूचनाओं व निर्देशों का वह संकलन होता है जो आपके Computer को बताता है कि उसे क्या करना है। जिस पर आपका Computer चलता है। और कोई विशिष्ट काम करता है। काम की प्रकृति के आधार पर सॉफ़्टवेयर दो तरह के होते हैं सिस्टम Software और Application सॉफ़्टवेयर।

System Software kya hai

सिस्टम Software आपके Computer के वाह्य उपकरणों, जैसे– Mouse, Monitor, Printer या Storage Device का नियंत्रण करता है। सिस्टम Software ऑपरेटिंग सिस्टम के ज़रिये Computer के तमाम कामों पर नियंत्रण रखता है। वास्तव में सिस्टम Software के बिना एक Computer बेजान ही कहा जायेगा।

सिस्टम Software वस्तुत: एक प्रोग्राम है जिसका काम है Computer को संचालित करना, साथ ही उसे काम करने लायक बनाये रखना। Operating System, Compiler, Assembly, Interpreter वगैरह ‘System Software’ के मुख्य भाग हैं। सिस्टम Software के सपोर्ट पर ही दूसरे अन्य Software काम करते हैं। सिस्टम Software को मुख्यत

Software kya hai iske prakar

चार भागों में बांट सकते हैं

ऑपरेटिंग सिस्टम Software – यह उपभोक्ता को डिवाइस पर अन्य Application चलाने की इजाजत देने का काम करता है। यह Application व हार्डवेयर के बीच एक इंटरफेस का काम करने वाला Software होता है। इसलिये सभी Computer में ऑपरेट करने को इस Software की जरूरत होती है। जैसे – एंड्रॉयड या विंडोज।

Utility Software Kya hai

यह सिस्टम Software, ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर में समन्वय स्थापित करने का काम करता है। यह एक ऐसा सर्विस प्रोग्राम है जो आपके Computer की परफॉर्मेंस बरकरार रखने का काम करता है। इसे सहायक प्रोग्राम भी कहा जाता है। यूटिलिटी Software ऑपरेटिंग सिस्टम Software के साथ टूल-किट जैसे आते हैं। जैसे – एंटीवायरस, डाटा रिकवरी, फायरवॉल आदि।

Device Driver Kya hai

डिवाइस ड्राइवर Software के ज़रिये Computer से हार्डवेयर डिवाइस को कम्युनिकेट कराया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ मिलकर काम करता है। जैसे कि Computer में मौजूद ‘की-बोर्ड ड्राइवर’ Software की वजह से ही हम उससे की-बोर्ड जोड़ पाते हैं। ऐसे ही नेटवर्क एडॉप्टर, मदरबोर्ड ड्राइवर या यूएसबी ड्राइवर इत्यादि भी होते हैं।

Language Translator Software

इनका काम प्रोग्रामिंग भाषा को मशीन की भाषा में बदलना है। जिससे Computer उसे समझकर उसी अनुसार आगे की कार्रवाई यानी कि प्रॉसेस पूरा कर सके। गौरतलब है कि सभी तरह के Software अलग-अलग प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे जाते हैं, पर Computer के लिये उन भाषाओं का मशीनी भाषा में अनुवाद अनिवार्य होता है। और ये काम किया जाता है लैंग्वेज ट्रांसलेटर Software द्वारा। जैसे – इंटरप्रिटर, कंपाइलर, एसेंबुलर वगैरह।

Application software Kya hai (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है?)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है? : Computer पर आधारित प्रमुख कामों को करने के लिये लिखे जाने वाले प्रोग्रामों को Application सॉफ़्टवेयर कहा जाता है। ये अलग-अलग कार्यों की अलग-अलग आवश्यकताओं व प्राथमिकताओं के चलते अलग-अलग स्वरूप के होते हैं। वेतन का समाकलन करने, वस्तुओं का स्टॉक रखने या बिक्री अथवा लेन-देन का कैसा भी हिसाब रखने जैसे नाना प्रकार के कामों के लिये उनकी जरूरत के मुताबिक अलग-अलग ‘Application Software’ मौजूद हैं। जिनसे ये काम सहज और Computer तरीके से किये जा सकते हैं।

यही वजह है कि आज तरह-तरह के नये-नये और अधिक सहूलियत देने वाले Application सॉफ़्टवेयर विकसित करने का काम इतने मुनाफे वाला और इतना प्रतियोगी हो गया है। Application सॉफ़्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं – इनकम टैक्स Software, रेलवे रिजर्वेशन Software, Microsoft Office, Software, Microsoft Word, Microsoft Excel, Microsoft Powerpoint, Video Players, Whatsapp इत्यादि।

Application Software को भी दो भागों में बांटा जा सकता है

बेसिक या बुनियादी Application सॉफ़्टवेयर – ऐसे कॉमन Software करीब-करीब हर व्यवसाय में इस्तेमाल किये जाते हैं। जैसे – Spreadsheet, Word Processor, DBMS आदि।

Specialized Application Software

स्पेशलाइज्ड Software किसी खास काम या उद्देश्य के मद्देनजर ही बनाते जाते हैं। जैसे – Web Browser, Social Media Apps, Music Player वगैरह।

Software और Hardware

Computer हार्डवेयर का मतलब है Computer में काम आने वाली वो सारी भौतिक चीजें जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। Computer, Monitor, Mouse, Keyboard, Memory, CPU, Printer और उसकी सारी मशीनरी Computer-हार्डवेयर के अंतर्गत आ जाती है।

जबकि Software का मतलब उस प्रोग्राम से है जिसके पैटर्न पर Computer की सारी मशीनरी कोई विशिष्ट काम करती है। यानी कह सकते हैं कि Computer Software द्वारा किसी विशेष कार्य के लिये हार्डवेयर को निर्देश दिया जाता है, जो उस पर सक्रिय हो जाता है, और इसी तरह Computer से कोई काम लिया जाता है।

इस तरह देखें तो Computer में हार्डवेयर बरकरार रखते हुये Software को बदला जा सकता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो एक Computer में हार्डवेयर अगर उसका शरीर है, तो Software उसका मन।

सॉफ्टवेयर का इतिहास (History of software)

पहले Computer पर एक काम का एकमात्र सिस्टम होता था। जिसे मशीनी तौर पर दिया गया आदेश बाद में बदलना अव्यावहारिक होता था। इसलिये समय के साथ ऐसी तकनीक विकसित हुई जिससे इन दिक्कतों को दूर किया जा सके। प्रारंभ में Computer को निर्देश पंचकार्ड पर सीधे लिखकर दिये जाते थे। Computer को सभी निर्देश केवल दो अंकों 0 और 1 की सहायता से दिये जाते थे। इसे ही द्वैध-निर्देश अथवा ‘बाइनरी प्रणाली’ कहते हैं।

दुनिया का पहला Software प्रोग्राम लिखा गया उन्नीसवीं शताब्दी में एडा लवलेस द्वारा, जो चार्ल्स बैबेज के ‘एनालिटिकल इंजन’ में प्रकाशित हुआ। इसलिये एडा को दुनिया की पहली Computer प्रोग्रामर कहा जाता है। एडा ने दिखाया था कि इससे बरनौली संख्याओं की गणना कैसे की जाए।

Computer Software का आधुनिक इतिहास इस सदी के चौथे दशक से शुरू होता है। जब 1935 में एलन ट्यूरिंग Software के आइडिया के साथ सर्वप्रथम सामने आये, जो उनके निबंध– कंप्यूटेबल । हालांकि पिछली शताब्दी में ही चार्ल्स वैबेज आदि ने इसकी नींव रख दी थी पर वह काम अधूरा ही रह गया था। लेकिन एलन ट्यूरिंग के बाद इस दिशा में Computer-विज्ञान और Software इंजीनियरिंग नामक दो क्षेत्रों को जन्म दिया।

1940 के आसपास तक Computer को पंचकार्ड्स पर बाइनरी प्रणाली से लिखकर निर्देश देने का समय रहा। जो मुख्यत: मेनफ्रेम Computerों के लिये था। बाद में आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषाओं के साथ ही निजी या घरेलू Computerों का भी व्यापक प्रसार हुआ और Software में आमूलचूल बदलाव आया।

Computer Software शब्द का पहला इस्तेमाल किसने किया

Software शब्द का पहलेपहल इस्तेमाल एक सांख्यिकीविद जॉन वाइल्डर टुकी द्वारा 1958 ई. के आसपास ‘द टीचिंग ऑफ कंक्रीट मैथमेटिक्स’ में किया गया। यह खुलासा सन् 2000 में येल लॉ स्कूल के लाइब्रेरियन फ्रेंड शापिरो द्वारा प्रकाशित एक पत्र में हुआ। हालांकि टुकी द्वारा कभी ऐसा कोई दावा नहीं किया गया।

ऐसे ही 1995 ई. में पॉल निकेट ने दावा किया कि Software शब्द अक्टूबर 1953 में सबसे पहले उन्होंने ही गढ़ा। पर उन्हें भी इस दावे को पुष्ट करने वाले कोई दस्तावेज़ न मिले।

जो भी हो, तब से अब तक Computer Software में तकनीकी विकास कई पीढ़ियां पार कर चुका; और इसका क्षेत्र बहुत व्यापक और उन्नत है। पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में Software शब्द का सबसे पहला प्रकाशन अगस्त 1953 में रिचर्ड आर. कारहार्ट द्वारा किया गया।

Software का काम क्या है?

कोई Software एक Computer में क्या करता है, यह निर्भर करता है कि वह Software किस काम के लिये बना है। जैसे कि Computer में सुरक्षित फाइलों का प्रबंधन ऑपरेटिंग सिस्टम Software के जरिये किया जाता है, जो कि एक सिस्टम Software है। इसी तरह फोटो या सेल्फी लेने में कैमरा और संख्याओं की गणना के काम में कैलकुलेटर का इस्तेमाल किया जाता है, ये सब Software ही हैं।

इस प्रकार देखा जाए तो मनोरंजन ही नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य या कोई व्यवसाय आदि करीब-करीब हर क्षेत्र में आज Computer-Software का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। हम जो एंड्रॉयड, विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सल या फिर व्हाट्सएप वगैरह इस्तेमाल करते हैं ये सब उसी के तहत आते हैं। कुल मिलाकर किसी Software का काम इस बात पर निर्भर करता है कि उसे किस लिये बनाया गया है।

Software कैसे बनाते हैं? (Software Developing)

अगर आप Software बनाना जानना चाहते हैं तो आपको इसके लिये प्रोग्रामिंग भाषा सीखनी होगी। जिससे फिर आगे आप किसी भी तरह का Software डेवलप कर सकते हैं। चूंकि प्रोग्रामिंग की तमाम भाषायें मौजूद हैं। इसलिये आपको देखना होता है कि आप कौन सा काम करना चाहते हैं। ताकि फिर उसी मुताबिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी सीख सकें।

जैसे कि अगर आपको कोई साधारण एप विकसित करना है। यानी बनाना है तो आपको C, C#, C++, Java आदि Programing Language सीखने की जरूरत पड़ सकती है। और अगर आप Ai , Blockchain या फिर Data Science जैसी अत्याधुनिक तकनीकी संबंधी क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं। तो आपको पाइथन जैसी High Lavel Programing Language सीखना चाहिए।

यानी आप अपनी जरूरत के मुताबिक प्रोग्रामिंग भाषायें सीख सकते हैं। सो पहले आपको यह देखने व निश्चित करने की जरूरत होती है कि आपको कौन सी Programing Language सीखनी है फिर कहां से सीखनी है। वैसे इसके लिये आज Youtube पर भी अनगिनत साइट्स मौजूद हैं जहां से आप Computer Software के लिये तरह-तरह की Programing Language आसानी से सीख सकते हैं।

उपरोक्त बातों से अब तक हम यह जान चुके हैं कि Software ही किसी Computer की आत्मा है। यह हार्डवेयर से बिल्कुल अलग है। इसे कोडिंग के ज़रिये बनाते हैं। कोई Computer उसी पैटर्न पर काम करता है जैसा कि उसमें Software पड़ा हो। इसलिये Software के बिना एक Computer बेजान जैसे ही होगा। और हालांकि Software के विकास व उपयोग का इतिहास बहुत पुराना नहीं है, पर आज इसका इस्तेमाल करीब हर जगह हो रहा है। सो, Computer-Software तकनीकी का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल नज़र आता है। इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनायें मौजूद हैं।

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