Judge Kaise Bane Hindi – अगर आप जज के बारे में जानना चाहते हैं कि जज कैसे बने? जज बनने के लिए कौन सा पढ़ाई करें? तो इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी दिए हैं कि जज कौन होता है? जज कैसे बने? (Judge Kaise Bane), जज बनने के लिए कौन सा पढ़ाई करें?, जज की सैलरी कितनी होती है? इन सब के बारे में पूरी जानकारी दिए हैं
इस आर्टिकल के माध्यम से अगर आप भी जज बनना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको जो जो Step by Step बताए हैं उन्हें फॉलो करें और और आप समझे कि किस तरह से जज बनने के लिए पढ़ाई करनी होती है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें – Judge Kaise Bane Hindi
हमारे देश के संविधान में न्यायपालिका को सबसे ऊपर माना जाता है। ऐसा हो भी क्यों न चाहे देश में कुछ भी विवाद हो जाये सबका यही जवाब होता है की न्यायालय में देख लेंगे। हमारे मन में अपने देश के कानून और न्याय व्यवस्था के प्रति हमारी पूरी श्रद्धा है।
अगर किसी के भी साथ समाज में कुछ अन्याय होता है तो उसे यक़ीन होता है की देश की न्याय व्यवस्था हमारे साथ इंसाफ करेगी। और जो पैनल उस मुक़दमे को सुन कर सही फैसला लेता है उसे ही जज कहते हैं।
अगर आपका भी सपना एक जज बनने का है और आपको जज के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आप परेशान होना अब बंद कर दीजिये आज के इस आर्टिकल में हम आपको जज कैसे बनें, जज बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं से सम्बंधित पूरी और सटीक जानकारी आपको देने जा रहे हैं।
जज कौन होता है? (What is the role of a judge?)
एक जज वह अधिकारी होता है जो स्वयं या न्यायधीशों के पैनल में हिस्सा लेकर अदालती कार्यवाही को निष्पक्ष तरीके से पूरा करते हैं। एक जज वकीलों के दलीलों और फरियादी की गुहार, गवाहों और सबूतों को सुनता है। सभी गवाहों और दलीलों को अच्छे से आकलन करने के बाद कानून की व्याख्या का सहारा लेकर फरियादी और खुद के निर्णय के आधार पर फैसला सुनाता है।
सभी लोग एक न्यायधीश से निष्पक्ष रूप से निर्णय करने की आशा रखते हैं और जज भी अपने निर्णय में किसी भी प्रकार का पक्ष नहीं रखते हैं। जज हमेशा सही फैसला सुनाता है और जज के फैसले को सभी को मानना पड़ता है।
जज कैसे बनें? | Judge Kaise Bane?
हमारे देश में प्रत्येक न्यायलय के अलग अलग जज होते है। जिनमें जज बनने के लिए आपको हर के मानकों पर खरा उतरना पड़ेगा।
अगर आपको जज बनना है तो आपको सबसे पहले वकालत की पढ़ाई करना जरुरी होता है। वकालत की पढाई के लिए आपको CLAT की परीक्षा उत्तीर्ण करके किसी अच्छे कॉलेज से लॉ की पढाई करनी पड़ती है। उसके बाद आपको राष्ट्रीय बार काउंसिल में खुद को पंजीकृत करना होता है। पंजीकृत होने के बाद आपको आपको कम से कम 7 साल तक एक वकील के रूप में काम करना पड़ता है। साथ साल के अनुभव के आप जज के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में बैठ सकते हैं।
हालाँकि अलग अलग राज्यों में जज बनने के लिए अलग अलग मापदंड निर्धारित किये गए हैं। जज के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा के समस्त चरणों को सफलता पूर्वक पास करने के बाद आप जज बन सकते हैं।
जज बनने के लिए आयोजित परीक्षा प्रक्रिया
प्रत्येक राज्यों में इस परीक्षा का पैटर्न अलग होता है। परीक्षा का आयोजन स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन , ज्यूडिसियल सर्विस कमीशन या फिर जिला कोर्ट के द्वारा किया जाता है।
यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है। सभी चरण नॉक आउट चरण होते हैं।
1. प्रारंभिक परीक्षा –
प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं। पहला पेपर सामान्य ज्ञान का होता है इसमने आपको इतिहास, राजनीति शास्त्र, करंट अफेर्यस जैसे विषयों को शामिल किया जाता है। इस पेपर के लिए 150 अंक निर्धारित किये गए हैं। पेपर को पूरा करने की समयावधि 2 घंटे निर्धारित की गयी है।
इसी तरह प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा पेपर लॉ पर आधारित होता है। इस परीक्षा के लिए समयावधि 2 घंटे निर्धारित की गयी है और यह पेपर 300 अंकों का होता है।
प्रारंभिक परीक्षा को पास करने के बाद अगली परीक्षा में बैठने के लिए योग्य हो जायेंगे।
2. मुख्य परीक्षा –
जज बनने के लिए आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षा में 5 पेपर होते है और प्रत्येक पेपर को एटेम्पट करने के लिए 3 धंटे का समय होता है। इसमें सिर्फ एक पेपर को छोड़कर बाकि सभी पेपर 200 अंकों के होते हैं। जनरल नॉलेज का पेपर 150 अंकों का होता है।
मुख्य परीक्षा , प्रारंभिक परीक्षा की तुलना में बहुत अधिक कठिन होती है ,इसको उत्तीर्ण करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है इस परीक्षा में एक पेपर सामान्य ज्ञान का , एक पेपर भाषा का , बाकि बचे शेष तीन पेपर सभी प्रकार के लॉ से सम्बंधित होते हैं। इस परोक्ष का कुल पूर्णांक 950 अंको का होता है।
इस परीक्षा को पास करने के बाद आप अगले चरण की परीक्षा देने के लिए योग्य हो जायँगे।
3. इंटरव्यू –
दोनों चरणों की परीक्षा को सफलता पूर्वक पास करनेके बाद आप इंटरव्यू के लिए योग्य मान लिए जाते हैं। इंटरव्यू के लिए 100 अंक निर्धारित किये गए हैं। इंटरव्यू को सफलता पूर्वक पास होने के बाद आपका चयन न्यायाधीश के लिए हो जायेगा।
जज बनने के लिए आवश्यक प्रवेश परीक्षा को पास करने के बाद आपका चुनाव इन जगहों पर किया जा सकता है।
1. जिला एवं सत्र न्यायलय –
जिला एवं सत्र न्यायलय तीन भागों में विभाजित है –
- सिविल न्यायलय।
- क्रिमिनल कोर्ट।
- राजस्व न्यायलय।
सिविल न्यालय में जज के प्रकर
- जिला न्यायाधीश
- अतिरिक्त जिला न्यायाधीश
- उप जिला न्यायाधीश प्रथम श्रेणी
- उप जिला न्यायाधीश द्वितीय श्रेणी
क्रिमिनल न्यायलय में जज के प्रकार
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश
- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश
- मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी
- अन्य न्यायिक दण्डाधिकारी
राजस्व न्यायलय में जज के प्रकार
- राजस्व विभाग
- कमिश्नर
- कलेक्टर
- तहसीलदार
ये सभी पोस्ट एक जिले के न्यायिक व्यवस्था में होती हैं।
उच्च न्यायालय में न्यायाधीश कैसे बने
उच्च न्यायालय में जज बनने के लिए लॉ की बैचलर डिग्री का होना आवश्यक है। इसके साथ ही उम्मीदवार के पास भारत की नागरिकता होनी चहिये। उम्मीदवार के पास कम से कम 10 साल का न्यायिक कार्य अनुभव या फिर 10 साल का क़ानूनी अनुभव होना चाहिए। उम्मीदवार की उम्र 62 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश के अलावा अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति के द्वारा , भारत के मुख्य न्यायधीश , राज्य के राज्यपाल, वर्तमान उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश के विचार विमर्श से की जाती है। वहीं उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति , उच्चतम न्यायलय के मुख्य न्यायधीश और प्रधान मंत्री से विचार विमर्श करने के बाद की जाती है।
वर्तमान समय में देश में 25 उच्च न्यायालय हैं। देश के सभी बड़े राज्यों में उच्च न्यायालय के साथ उसके खंडपीठ भी होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जज कैसे बनें?
सुप्रीम कोर्ट जज कैसे बने – सुप्रीम कोर्ट यानि कि देश का सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने के लिए आपको किसी भी राज्य के उच्च न्यायलय में मुख्य न्याययधीश या न्यायाधीश के पद पर कम से कम 5 वर्ष काम करना पड़ेगा या फिर किसी भी उच्च न्यायालय में आपको 10 वर्ष से अधिक तक एक वकील के तौर पर काम करना पड़ेगा। इसके साथ ही उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। देश के राष्ट्रपति के नजर में उम्मीदवार को कानून का अच्छा ज्ञानी होना आवश्यक है। न्यायाधीश पद के उम्मीदवार की उम्र 65 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति देश का राष्ट्रपति करता है। उच्चतम न्यायलय का न्यायाधीश नियुक्त करते समय राष्ट्रपति वर्तमान मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेने के बाद ही नियुक्ति करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद देश का सर्वोच्च न्यायायिक पद है। हमारे देश का सर्वोच्च न्यायलय देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।
जज बनने के आवश्यक स्किल्स
1. आपके अंदर बिना किसी भावुक लगाव के सही फैसला बिना किसी दवाब में लेने की कला होना चाहिए।
2. आपके अंदर सामाजिकता का बोध होना चाहिए।
3. कोर्ट के अंदर कभी कभार कुछ ऐसे भी मुकदमे आते हैं जो नाजुक हालत में होता है, आपके अंदर नाजुक परिस्तिथियों से निकलने का हुनर होना चाहिए।
4. एक जज के अंदर विश्लेषण का गुण होना चाहिए, बिना मुद्दे को विश्लेषित किये जाने पर फैसला एक तरफ़ा हो जाता है।
5. देश के अंदर मौजूद समस्त वित्तीय प्रथाओं और उनसे सम्बंधित अवधारणाओं की समझ होनी चाहिए।
6. संविधान की सभी धाराओं का ज्ञान और उनके उपयोग से सम्बंधित ज्ञान का होना आवश्यक है।
7. किसी भी प्रकार के समझौते, अनुबंधों के बारे में समझ कर समीक्षा करना और नए समझौतों और अनुबंधों को बनाने की स्किल होनी चाहिए।
एक न्यायाधीश के कार्य
चूँकि जज हमारे न्याय व्यवस्था के प्रतिष्ठित पदों में से एक माना जाता है इसीलिए न्याय देने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी जज को सौंपी गयी है।
आइये जानते हैं की एक जज अपने किन किन दायित्यों का निर्वाहन करता है
1. मुकदमों का पर्यवेक्षण करना और अभियोजकों और प्रतिवादियों के आरोपों, गवाहों की गवाही आदि को सुनना।
2. एक जज प्रतिवादी/वादी को उनके अधिकारों के बारे में सूचित/याद दिलाता है।
3. जज के पास साक्ष्य की स्वीकार्यता पर शासन करने की शक्ति भी है।
4. वे जूरी को निर्देश भी देते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि प्रतिवादी दोषी है या निर्दोष।
5. एक जज तब दोषियों को दी गई सजा या दंड का फैसला करता है। वे यह भी निर्धारित करते हैं कि वाक्य कितने समय तक चलेगा।
6. मुख्य जज द्वारा दिया गया फैसला अंतिम होता है। ये सभी निर्णय परीक्षण की गहन और सावधानीपूर्वक समझ के आधार पर किए जाते हैं।
7. अदालत में इन जिम्मेदारियों के अलावा, एक जज संविधान का संरक्षक और मौलिक अधिकारों का रक्षक होता है। इसका मतलब यह है कि किसी भी राज्य या केंद्र सरकार के संघर्षों की समीक्षा न्यायपालिका द्वारा सभी अधिकारों और कानूनों को नियंत्रण में रखते हुए की जाएगी।
जज की सैलरी (हाई कोर्ट जज की सैलरी)
किसी भी जज का वेतन उसके प्रकार पर निर्भर करता है। एक सबसे निचली अदालत के जज की तनख्वाह करीब 40 से 50 हज़ार रुपये होती है। सीनियर जज की अनुमानित सैलरी 80 से 90 हज़ार रूपये प्रति महीना होती है। वहीं बात करें अगर उच्च न्यायलय के जज के मासिक वेतन की तो उनकी सैलरी करीब ढाई लाख रुपये महीना व उच्च न्यायलय के अन्य जजों की सैलरी करीब सवा दो लाख रूपये होती है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की मासिक सैलरी करीब दो लाख अस्सी हज़ार रूपये और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की मासिक सैलरी करीब ढाई लाख रूपये होती है।
इसके अलावा भी जजों की सैलरी में समय समय में सभी वेतन मानों को जोड़ा जाता है।
जज को मिलने वाली सुविधाएँ
जजों को सैलरी के अलावा सम्बंधित क्षेत्र में एक आलीशान बंगला, सुरक्षा कर्मी, शासकीय वाहन जिसके पेट्रोल और रख रखाव की जिम्मेदारी सरकार की होती है। जजों के आवास में मुफ्त बिजली और पानी के साथ घर की देखभाल करने के लिए उचित संख्या में कर्मचारी भी नियुक्त किये जाते हैं।
अंतिम शब्द
हमें आशा है कि जज कैसे बने? (Judge Kaise Bane?) यह Article आपको पसंद आया होगा इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको पूरी जानकारी देने का प्रयास किए हैं अगर आपको जज कैसे बने? (Judge Kaise Bane?) यह Article पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ इस Article को शेयर करें अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई सुझाव या कुछ पूछना चाहता है तो कमेंट में पूछ सकते हैं
Judge Kaise Bane (FAQ) in hindi
Q : जज बनने के लिए क्या क्या योग्यताएं चाहिए?
Ans : जज बनने के लिए आपको सबसे पहले भारत के निवासी होनी चाहिए और आपको 10 साल का वकालत का अनुभव होनी चाहिए जज बनने के लिए आपको लव की बैचलर डिग्री होनी चाहिए
Q : सिविल जज बनने के लिए क्या करे?
Ans : सिविल जज बनने के लिए आपको सबसे पहले 12वीं पास होनी चाहिए और आप किसी भी कॉलेज का Bachelor of Law की कोर्स होनी चाहिए और आप लव से ग्रेजुएशन डिग्री बात होनी चाहिए तभी आप इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं
Q : जज की नियुक्ति कैसे होती है?
Ans : जजों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है संविधान अनुच्छेद 124 के इनकी व्यवस्था हैं
Q : एक जज की सैलरी कितनी होती है?
Ans : सुप्रीम कोर्ट में जजों को सैलरी 2.50 लाख प्रतिमा होती है और हर जगह हर कोर्ट में अलग-अलग जजों को अलग-अलग सैलरी मिलता है
Q : जज का कार्यकाल कब तक होता है?
Ans : जज का कार्यकाल लगभग 62 साल आयु में उसे रिटायर कर दिया जाता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जज को रिटायर 65 साल की आयु में रिटायर करते हैं
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